राहु काल (Rahu Kaal) हिंदी में एक ज्योतिषीय शब्द है, जिसे हिन्दू पंचांग में प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसा समय होता है जब विशेषतः राहु ग्रह की शांति नहीं होती है और इस वजह से इस समय को अशुभ माना जाता है। राहु काल के दौरान शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है।
राहु काल का समय दिन के लंबित होता है और इसकी अवधि रोजाना बदलती है। इस समय की अवधि को चार संयुक्त भागों में विभाजित किया जाता है, जिनका आधार भविष्यफल और ग्रहों की स्थिति होती है। इन भागों का नाम हैं: सूर्य याम, भानु याम, राहु याम और यमघंटा।
राहु काल की अवधि दिन के विभिन्न टाइम स्लॉट्स में अलग-अलग होती है। इसलिए, राहु काल के टाइम स्लॉट्स को प्रतिदिन के आधार पर जांचना चाहिए। इसे जानने के लिए आप अखबारों, पंचांगों या ऑनलाइन पंचांग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
राहु काल की अवधि के दौरान, शुभ कार्यों को टाला जाता है और उ
न्हें बेहतर वक्त पर रखने की सलाह दी जाती है। यह समय अशुभ माना जाता है और कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए लोग इस समय में शुभ कार्य नहीं करते हैं।
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